Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj | Pravachan | Part 1:
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Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj Pravachan Part 1.mp4
4.0 भागवत (Srimad Bhagwat), गीता, रामायण सुनने और सुनाने वाला अधिकारी होना चाहिए और अधिकारी कहलाने वाले की श्रद्धा हो, संत कैसे हो जो doubt clear कर सके और तीसरा राम, कृष्ण में प्रेम
4.0 भागवत (Srimad Bhagwat), गीता, रामायण सुनने और सुनाने वाला अधिकारी होना चाहिए और अधिकारी कहलाने वाले की श्रद्धा हो, संत कैसे हो जो doubt clear कर सके और तीसरा राम, कृष्ण में प्रेम
5.30 गीता किसे नहीं सुनाना, शर्ते : जो भक्त ना हो उसे गीता नहीं सुनाना, और वो गीता पड़े भी ना, जो तपस्वी (believes in performing austerities) ना हो उसे भी ना सुनाना, जो जिज्ञासु ना हो उसे भी नहीं सुनाना
6.40 Srimad Bhagwat ब्रह्म के समान है , ब्रह्म के 2 अर्थ : 1. भगवान 2. वेद
7.25 Srimad Bhagwat सार है सभी पुराणों और वेदों का
7.30 वेद व्यास जी (जो कि खुद भगवान के अवतार हैं) (wrote all these : महाभारत (1 लाख शलोक), पुराण (4 लाख शलोक), Srimad Bhagwat (18,000 श्लोक)
8.25 मगर इतने ग्रंथ लिखने के बाद भी अशांत हैं, अज्ञान में डूब रहे हैं
9.15 नारद जी ने वेदव्यास को कहा कि आपने कृष्ण लीला तो लिखी नहीं
11.0 नारदजी ने कहा कि पहले तुम श्री कृष्ण के दर्शन करो उसके बाद लिखना
12.0 पाराशर के पुत्र हैं, वेदव्यास और भगवान के अवतार हैं खुद वेदव्यास
15.0 वेद को कोई समझ नहीं सकता : ब्रह्मा, सरस्वती, विष्णु, शंकर, बृहस्पति कोई भी नहीं, जब भगवान ने ब्रह्मा जी को दिव्य ज्ञान दिया तब उन्हें वेद समझ में आए
वह वेद भगवान के मुख से निकले, मस्तिष्क दिमाग से नहीं,
वह वेद भगवान के मुख से निकले, मस्तिष्क दिमाग से नहीं,
15.10 पहले पुराण प्रकट हुए ब्रह्मा जी के मुख से
16 20 जो वेद नहीं समझेगा वह भगवान को प्राप्त नहीं कर सकता, अजीब मुसीबत है वेद किसी के समझ में आते नहीं ; मगर एक दुविधा का निवारण किया है वेद में ही, जो गुरु के मुख से वेद सुनेगा, जिसको ज्ञान है वेद का, वह वेद को समझ पाएगा
18.0 श्रीमद् भागवत (Srimad Bhagwat) ब्रह्म सूत्र का सार है, ब्रह्म सूत्र यानी वेदांत, वेदांत यानी 6 शास्त्रों में से प्रमुख