संत हुए लट्टू सुंदर औरत के पीछे-पीछे उसके घर पहुंच गए by Indresh Ji
1 हमारे विद्वानों में एक परम विद्वान हुए श्री बिल्ब मंगल https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=0 2 श्रेष्ठ जन जो होते हैं, यदि कुछ ऐसी क्रिया करें जो अवगुण जैसी दिखे तो ये समझना कि वह सदैव दूसरों को सिखाने के लिए करते हैं (श्रेष्ठ जन कभी कुछ गलत नहीं करते) https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=24 3 बिल्ब मंगल जी जो थे उनको रूप का बड़ा आकर्षण था, उनको रूप कहीं दिख जाए, उसको देखने लग जाते https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=38 4 एक बार मार्ग से जा रहे थे और एक सुंदर युवती नदी में जल भर रही थी, बिल्ब मंगल जी की एक दृष्टि उसके ऊपर पड़ी और बिल्ब मंगल जी उसके पास जाकर के बैठ गए और उसको निहारने लगे https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=49 5 उसके पीछे पीछे उसके घर तक पहुँच गए https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=80 6 पति ने द्वार खोल कर के बिल्ब मंगल जी को भीतर बुलाया https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=120 7 पति ने पत्नी से कहा कि बढ़िया सुंदर भोजन बनाओ, महाराज जी पधारे हैं https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=153 8 पति ने पत्नी से कहा श्रृंगार करके महाराज के सामने आओ https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=170 9 एक सामान्य सांसारिक व्यक्ति की सुंदरता देखकर हम सब कुछ भूल जाते हैं https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=196 10 बिल्ब मंगल जी को अचानक ध्यान आया कि यदि इतना त्याग, यदि ठाकुर जी के लिए किया होता तो ठाकुर जी मिल गए होते https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=231 11 बिल्लू मंगल जी ने नेत्र खोले और उस कन्या से कहा, सुनो तुम्हारे घर में सुई है, लेकर आओ https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=242 12 बल्ब मंगल जी ने अपनी आंखें फोड़ लीं, बोले जो नेत्र संसार के रूप को देखने को आसक्त हो गए, आधीन हो गए, यह नेत्र जीवित रहने के अधिकारी नहीं है https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=263 13 वेणु गीत के प्रथम श्लोक में गोपियां कहती हैं, हमको आंख मिली है तो इन आंखों को मिलने का साफल्य क्या है, इन आंखों को मिलने का लाभ क्या है, यदि श्री कृष्ण के दर्शन नहीं किए https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=290 14 चांदी का कटोरा मिलने के बाद भी हमने उसमें मिट्टी भर दी, ऐसा हमने आंखों का प्रयोग किया है https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=301 15 भीष्म पितामह कहते हैं कि हे श्री कृष्ण, मैंने आपके सारे दर्शन किए, आपकी “ललित गति” का दर्शन नहीं किया https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=413 16 ठाकुर जी “ललित गति” से क्यों चलते हैं यानी टेढ़े-मेढ़े, भू देवी जो उनकी दूसरी पत्नी है (पहली पत्नी श्रीदेवी) भू देवी को प्रसन्न करने के लिए गाय के खुरों से जो गड्ढे बनते हैं उन गड्ढों पर पांव रखते हुए https://youtu.be/Y-ul0D6n3PU&t=458 Standby link (in case youtube link does not work): संत हुए लट् टू सुंदर औरत के पीछे-पीछे उसके घर पहुंच गए II श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी.mp4