Monday, September 7, 2020

सांवरियां ले चल परली पार, Vinod Agarwal Bhajan lyrics, Sanwariya le chal parli par




सांवरियां ले चल परली पार,  Sanwariya le chal parli par


सांवरियां ले चल परली पार  

कन्हैय्या ले चल परली पार  

जहाँ विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार           


गुण अवगुण सब तुझको अर्पण

पाप पुण्य सब तुझको अर्पण

बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण  

यह जीवन भी तेरे अर्पण

मैं तेरे चरणों की दासी,  मेरे प्राण आधार  

सांवरियां ले चल परली पार  


तेरी आस लगा बैठी हूँ  

लज्जा शील गवां बैठी हूँ  

आंखें खूब पका बैठी हूँ 

अपना आप लुटा बैठी हूँ

सांवरियां में तेरी रागनी, तू मेरा मल्हार  

सांवरियां ले चल परली पार  


जग की कुछ परवाह नहीं है 

तेरे बिना कोई चाह नहीं है 

कोई सूझती राह नहीं है  

तेरे मिलन की आस यही है

मेरे प्रीतम मेरे माझी, कर दो बेडा पार  

सांवरियां ले चल परली पार  


जहाँ विराजे राधा रानी, सब रसिको की सरदार  

आनंद घन यहाँ बरस रहा है

पत्ता पत्ता हर्ष रहा है  

हरि बेचारा तरस रहा है  

पीपी कह कोई बरस रहा है 

बहुत हुई अब हार गयी मैं, मेरे प्राण आधार 

नैय्या ले चल परली पार  

सांवरियां ले चल परली पार  

कन्हैय्या ले चल परली पार  

जहाँ विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार 


Shri Baldev Sehgal ji

https://www.youtube.com/watch?v=bIjOGeRgIfw

vinod Agarwal ji

#blogva030 

Sunday, September 6, 2020

हे गोविन्द मिलती मैं तुझको, पर तेरा पता मालूम नहीं Vinod Agarwal Bhajan lyrics, he Govind milti main tujhko par tera pata maloom nahin

 




हे गोविन्द मिलती मैं तुझको, पर तेरा पता मालूम नहीं 

he Govind milti main tujhko par tera pata maloom nahin 

 


हे गोविन्द मिलती मैं तुझको, पर तेरा पता मालूम नहीं 

कुछ कहती अपनी और सुनती, पर तेरा पता मालूम नहीं 

 

बेचैन है रोते रहते हैं,आँखों में फिर भी अश्क़ नहीं 

हैं शिकवे और गिले कितने, होंठों पर आते लफ़्ज़ नहीं  

तेरे सामने बैठ के मैं रोती, पर तेरा पता मालूम नहीं 

हे गोविन्द मिलती मैं तुझसे, पर तेरा पता मालूम नहीं 

 

सब सगे सम्बन्धी हैं यूँ तो ,पर इनमें कोई रस ही नहीं 

हसरत तेरे दीदार की है ,पर इनमें कोई रस ही नहीं 

 

कई जतन हरी कर देख लिए ,आशा की कली नहीं खिलती 

अँधियारा ही अँधियारा है, दिल में कोई ज्योति नहीं जलती 

जग छोड़ शरण तेरी आ जाती, पर तेरा पता मालूम नहीं


Vinod Agarwal Bhajan lyrics

https://www.youtube.com/watch?v=hb0z1NhYvuo

#blogva008 

Saturday, September 5, 2020

आप क्या जानो ऐ श्याम सुंदर, Vinod Agarwal Bhajan lyrics, aap kya jano ae Shyam Sunder




आप क्या जानो ऐ श्याम सुंदर 

aap kya jano ae Shyam Sunder

 

आप क्या जानो ऐ श्याम सूंदर, कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं 

तेरे मिलने की उम्मीद ले कर, ग़म के आंसू पिए  जा रहें हैं 

 

ये जुदाई सहेंगे श्याम कब तक, बिन दर्शन रहेंगे श्याम कब तक, 

दुनिया से हो गए हो बेगाने , तेरा नाम लिए जा रहें हैं 

 

श्याम सुन्दर  कहाँ खो गए हो गए हो , इतने बेदर्द क्यों हो गए हो 

आप की बेवफाई के सदके, लोग ताने दिए जा रहें हैं 

 

याद आती है आती रहेगी , याद तेरी सताती रहेगी , 

जितना जी चाहे तड़पा लो हमको, तेरी पूजा किये जा रहें हैं 

 

(मेरे होश और हवास पे छा गए हो तुम, इस कदर मुझे अपना बना गए हो तुम ,मैं तुम्हारे सिवा कुछ सोच नहीं पाती ,इस कदर मेरे दिल में समा गए हो तुम 

गुलाबों की महक भी फीकी सी लगती है , ये कौन सी खुशबू मुझमें बसा गए हो तुम, और ज़िन्दगी क्या है तेरी चाहत के सिवा 

ये कैसा ख्वाब मेरी आँखों को दिखा गए हो तुम ,मेरे होंठों पे रहता है तुम्हारा ही ज़िक्र, जब से मुझे सीने से लगा गए हो तुम)

 

किन गुनाहों की हैं ये सजाएँ, श्याम सुन्दर हमें कुछ बताएं , टुकड़े टुकड़े किया दिल है मेरा, फिर भी प्यार तुमसे किये जा रहें हैं 

 

आप क्या जानो ऐ श्याम सूंदर, कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं 

तेरे मिलने की उम्मीद ले कर, ग़म के आंसू पिए जा रहें हैं


Vinod Agarwal Bhajan lyrics

https://www.youtube.com/watch?v=4Gz-7cOhXSQ

#blogva009 

Friday, September 4, 2020

मेरा आप की कृपा से, सब काम हो रहा है Vinod Agarwal Bhajan lyrics, mere apki daya se sab kam ho raha hai




मेरा आप की कृपा से, सब काम हो रहा है 

करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है 

पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है

हैरान है ज़माना, मंजिल भी मिल रही है  

करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है


(पहले दया से, फिर कृपा से... क्या अंतर है? विनोदजी ने समझाया की दया होती है और कृपा की जाती है. उधाहरण के रूप में विनोदजी कहते है की 

दया AK-47 rifle की तरह है, सब तरफ बरस रही, जिसको लगी लगी. लेकिन कृपा तो Revolver की तरह निशाना लगा कर की जाती है)


तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज़ की कमी है 

किसी और चीज़ की अब दरकार ही नहीं है  

मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा प्यार कैसे पाऊँ

टूटी हुई वाणी से, गुणगान कैसे गाऊं

करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है



(विनोद जी कहते ही की उसके साथ का मतलब क्या है? वोह कोई बांसुरी बजता हुआ, पीताम्बर लहराता हुआ सामने थोड़े ही आ जायेगा. यह तो आग्रह है, यह ही हमारे मिलन में बाधक बन जाता है. इस आग्रह को भक्ति में दुराग्रह भी कह देते है. उसको आना किसी और रूप से था लेकिन जब हमने अपना आग्रह रख दिया, तो वो कहता है की जब मौका लगेगा तभी आऊँगा

अवतार वाद से पूरी बात नहीं बनती. 

अवतार में भगवन भक्तो को जीवन जीने का तरीका बताते है. 

अगर उनको अपने अवतार में इतना कुछ सहना पड़ा तो हमारी औकात ही क्या. 

क्या वो अपने संकल्प मात्रा से हे सब संकट और बाधाएं दूर नहीं कर सकते है. 

लेकिन उन्होंने समझाया है

अगर हम परेशानी में हो, और किसी बात से हमारा काम बन जाए तो समझना की वो इश्वर की कृपा ही थी. 

ऐसे अवसर पर हम अपने पुरुषार्थ को, दूसरे के एहसान को ही मान लेते है. लेकिन अगर हम इश्वर की कृपा को मान लें, तो वोह अनुभव द्रढ़ हो जाएगा और हमें आगे लेता जाएगा


Vinod Agarwal Bhajan lyrics

https://www.youtube.com/watch?v=Ezhdk82sR1Y

#blogva010 

Thursday, September 3, 2020

Bhagvat: Supreme Personality of Godhead, the controller of the material and spiritual energies, who is certainly the creator of the entire cosmos, creates the time factor to allow the material energy and the living entity to act within the limits of time, 4th Sept

Bhagvat: Supreme Personality of Godhead, the controller of the material and spiritual energies, who is certainly the creator of the entire cosmos, creates the time factor to allow the material energy and the living entity to act within the limits of time. “There is no truth superior to Me." Nothing can be above Krshna, for He is the controller and creator of everything.

TRANSLATION

O great King, the Supreme Personality of Godhead, the controller of the material and spiritual energies, who is certainly the creator of the entire cosmos, creates the time factor to allow the material energy and the living entity to act within the limits of time. Thus the Supreme Personality is never under the time factor nor under the material energy.


PURPORT

One should not think that the Lord is dependent on the time factor. He actually creates the situation by which material nature acts and by which the conditioned soul is placed under material nature. Both the conditioned soul and the material nature act within the time factor, but the Lord is not subject to the actions and reactions of time, for time has been created by Him. To be more clear, Srila Visvanätha Cakravarti Thäkura says that creation, maintenance and annihilation are all under the supreme will of the Lord.


In Bhagavad-gitä (4.7) the Lord says:


"Whenever and wherever there is a decline in religious practice, O descendant of Bhärata, and a predominant rise of irreligion—at that time I descend Myself." Since Krshna, the Supreme Personality of Godhead, is the controller of everything, when He appears He is not within the limitations of material time (janma karma cha me divyam). In this verse the words kälam charantam srjatisa äsrayam indicate that although the Lord acts within time, whether sattva-guna, rajo-guna or tamo-guna is prominent, one should not think that the Lord is under time's control. 


Time is within His control, for He creates time to act in a certain way; He is not working under the control of time. The creation of the material world is one of the Lord's pastimes. Everything is fully under His control. Since creation takes place when rajo-guna is prominent, the Lord creates the necessary time to give facilities for rajo-guna. Similarly, He also creates the necessary times for maintenance and annihilation. Thus this verse establishes that the Lord is not under the limitations of time.


As stated in the Brahma-samhitä, isvaram paramam krshnam: Krshna is the supreme controller. Sac-cid-änanda-vigraham: He possesses a blissful, spiritual body. Anädim: He is not subordinate to anything. As the Lord confirms in Bhagavad-gitä (7.7), mattam parataram nänyat kiïcid asti dhanaïjaya: "O conqueror of wealth [Arjuna], there is no truth superior to Me." Nothing can be above Krshna, for He is the controller and creator of everything.


The Mäyävädi philosophers say that this material world is mithyä, false, and that one should therefore not bother about this mithyä creation (brahma satyam jagan mithyä). But this is not correct. Here it is said, satya-krt: whatever is created by the Supreme Personality of Godhead, satyam param, cannot be called mithyä. The cause of the creation is satya, true, so how can the effect of the cause be mithyä? The very word satya-krt is used to establish that everything created by the Lord is factual, never false. The creation may be temporary, but it is not false.