Thursday, August 12, 2021

Have you prepared for the exam of Death ? क्या आपने मृत्यु परीक्षा की तय्यारी कर ली ?

 

Have you prepared for the exam of Death क्या आपने मृत्यु परीक्षा की तय्यारी कर ली https://www.youtube.com/watch?v=EmCkJjqOUbs&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=13 *घड़ी भी किसी ने बनाई, ऐसे ही ये शरीर रचने वाला भी कोई है, यहाँ हजारों mike रख दीजिये मगर यदि मेरे पास vocal chord ही नहीं है तो कैसे मेरी आवाज आप तक पहुंचेगी और ये vocal chord बनाने वाला कौन हैं, भगवान*  https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=40 *बहुत से scientists आजकल भगवान को मानने लगे हैं, Newton अपना 85% time spirituality में लगाता था केवल 15% अपनी experiments  में, आज का scientist मूर्खता पूर्वक घास की research करता है कि घास कहाँ से आई, अरे ये घास गाय को खाने दो, तुम दूध पियो* https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=77  *आज आम तौर पर scientist research करते हैं, केवल पैसा पाने के लिए (Tax payer का), when search has already been done, then why researching the search, क्यों time बर्बाद कर रहा है* ? https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=132  *यदि कोई भक्त कहे कि मैं दुखी हूँ, तो मतलब ये है की अभी भक्ति की गाड़ी में वो सवार नहीं हुआ* https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=197  *एक और उदाहरण: एक पिता अपने बच्चे से पूछता है की तुमने कपड़े पहन लिए, जूते पहन लिए, नाश्ता कर लिया, अच्छी तरह नींद पूरी कर ली, बेटा कहते हैं जी पापा और आखिर में पिताजी पूछते हैं कि तुमने exam की तैयारी कर ली, बेटा कहता है “नहीं*” https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=216  *हमारे साथ भी यही होता है, मरने के समय यमदूत आते हैं, पूछते हैं कि पूरे जीवन भर क्या किया, मनुष्य कहता है, करोड़ों का business किया, गाड़ियां ली, बंगले बनाए, यमदूत पूछते हैं क्या मृत्यु की तैयारी करी ? व्यक्ति पूछता है “वो क्या होता है* ?” https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=255  *यमदूत बताते हैं की तुझे शरीर तो मिला था भगवान की भक्ति के लिए मगर तुने ऐसे ही गंवा दिया*  https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=271  *समझ में आ गया कि आध्यात्मिक ज्ञान क्यों जरूरी है क्योंकि इससे जीवन का लक्ष्य पता चलता है, नहीं तो लक्ष्य कुछ और होता है मगर हम जाते कहीं और हैं*  https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=296  *और ये दोबारा कह रहा हूँ कि ये गलती से मत समझ लेना कि आध्यात्मिक ज्ञान लेने से भौतिक सब कुछ छूट जाएगा, कुछ नहीं छूटेगा* https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=315  *छोड़ना कुछ नहीं है यहाँ, जोड़ने की बात हो रही है, कई बार माताएं घबरा के पति को सत्संग में आने नहीं देती कि मुझे छोड़ कर भाग जाएगा, जबकि यहाँ छोड़ने की बात नहीं हो रही है, कुछ छोड़ना नहीं है* https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=345 *गीता में अर्जुन भी भागने की यानि छोड़ने की बात कर रहा था, भगवान ने भागना, छोड़ना कायरता (cowardice) है*  https://youtu.be/EmCkJjqOUbs&t=375 


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क्या आपने मृत्यु परीक्षा की तय्यारी कर ली -DSC#012.mp4






Wednesday, August 11, 2021

Does spiritual wisdom remove your sorrows ? क्या आध्यात्म से दुःख समाप्त हो जाते हैं ?

 

Does spiritual wisdom remove your sorrows ? क्या आध्यात्म से दुःख समाप्त हो जाते हैं ? https://www.youtube.com/watch?v=Adu7OfFye8Q&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=12 *हिंदुस्तान में ये समझते हैं कि जब सफेद बाल हो गए तो सारी अकल आ गई, sorry आप अपने अपने field में top पर होंगे, मगर ये ज़रूरी नहीं है कि आपको मालूम होगा कि जीवन का लक्ष्य क्या है, सृष्टि की रचना क्यों की गयी है ?* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=45  *ये अध्यात्मिक ज्ञान हमें बताता है कि जीवन का लक्ष्य क्या है, सृष्टि की रचना क्यों की गयी है, क्या इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ज्ञान कोई और हो सकता है ? यहाँ पर बैठे हुए कोई 70 साल का है, कोई 80 साल की उम्र का है, क्या किसी को मालूम है कि जीवन का लक्ष्य क्या है, कैसे आप अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं? * https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=114 *क्या life lead कर रहे हो आप लोग? वही, बच्चों जैसी ? जैसे बालक का उदाहरण दिया था mobile  हाथ में है, मगर हर चीज़ mobile की इस्तेमाल करी, mobile से call नहीं करी, जिसके लिए mobile बना था* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=144  *जिसके लिए रचने वाले ने हमारा शरीर रचा, जिसके लिए सृष्टि बनाई गई, उसको समझने के लिए हमारे पास समय ही नहीं है * https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=166  *एक प्रश्न पूछता हूँ कि क्या बच्चे को शुरू में ही नहीं बता देना चाहिए कि आग से क्या होता है? या बताना  चाहिए कि बुढ़ापे में सीख लेना, अभी क्या जरूरत है ? कि सांप से दूर रहा कर, ये बचपन में बताना चाहिये यह बुढ़ापे में बताना चाहिए ?* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=169 *कि ये खाना मत खाना ये धीरे धीरे जहर जैसा असर करता है, ये बचपन में बताना चाहिए या बुढ़ापे में बताना चाहिए ?* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=190  *मैं छोटे बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान देने गया स्कूल में, एक teacher को सुना कि ये भी कोई उम्र है इनकी ऐसे ज्ञान की, वहाँ polio के टीके (vaccinations) लग रहे थे, मैंने कहा टीके बुढ़ापे में लगाना चाहिए, सब teacher और principal उठ खड़े हुए, बोले इससे सारे जीवन में इनकी सुरक्षा रहेगी, मैंने उत्तर दिया की जब दुख होता है तो कहा भागते हो? उन्होंने कहा भगवान की ओर, तो मैंने कहा पहले से क्यों नहीं भागते (यानी  दुख ना होने का टीका क्यों नहीं लगवाते?) ताकि दुख हो ही नहीं ?* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=204  *जब बिमारी हो जाती है तो टीका काम नहीं करता* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=297   *बुढ़ापे में जब अस्थि पिंजर (full body structure) सब हिले हों,  doctor के पास जाएं और doctor बोले कि रोज़ 2 घंटे दौड़ा करो, तो हम कहेंगे पागल हो क्या, पहले बताना था बचपन में, जवानी में ताकि बुढ़ापे में हाथ पैर नहीं टूटते* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=305  *लोग कहते है की गुरु जी आप भी तो आध्यात्मिक ज्ञानी हो, क्या आपको दुख नहीं होता ? मान लीजिए आप एक खड्डे वाली सड़क (a road with several big potholes) पर auto में जा रहे हो, तो पीठ (back,spinal cord) की क्या हालत होगी, और यदि वही सफर आप एक Mercedes गाड़ी में करें, तो कुछ नहीं होगा, क्योंकि उस गाड़ी की suspension इतनी बढ़िया है* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=325  *आध्यात्मिक ज्ञान लेने का मतलब ये है की खड्डे (potholes) खत्म नहीं होंगे मगर गाड़ी बदल जाएगी* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=397  *हम यही गलती करते हैं कि जब मंदिर जाते हैं तो भगवान को कहते हैं, हे भगवान हमारे खड्ढे खत्म कर दो (i.e., हमारी problems solve कर दो) भगवान कहते है बेटा खड्ढे तो तुम्हारे कर्मों के खुद बनाये हुए हैं, मैंने नहीं बनाए  * https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=403  *आध्यात्मिक ज्ञान लेने से दुख नहीं होते हैं, ये मैं 100% guarantee के साथ कहता हूँ, मैं तो राधा गोविंद का salesman हूँ और salesman की duty है कि जो manufacturer है उसकी बात हूबहू लोगों के सामने रख दे* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=429 *“सु सुखम करतुम अव्ययम” भगवान ने गीता में कहा है su-sukham — very happy; kartum — to execute; avyayam — everlasting.* https://vedabase.io/en/library/bg/9/2/* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=450  *कुछ लोग कहते हैं क्या साहब भक्ति करते करते इतने दिन हो गए सुख तो दिखा ही नहीं, अरे भाई तुम Mercedes  में बैठे ही नहीं, तुम auto को ही Mercedes समझ रहे हो, क्योंकि यदि तुम सही में भक्त हो तो आप मुँह कभी कह ही नहीं सकते कि मैं दुखी हूँ* https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=475 *“सु सुखम करतुम” – सु यानि बहुत, सुखम = happiness और करतुम ,i.e., to execute यानी करना है, “ज्ञानम विज्ञानम साहितम” भगवान के ज्ञान को जीवन में अमल लाना है, यानि केवल गीता का खाली पाठ करने से काम नहीं चलेगा * https://youtu.be/Adu7OfFye8Q&t=497 


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क्या आध्यात्म से दुःख समाम्प्त हो जाते हैं -DSC#011.mp4







Tuesday, August 10, 2021

How much time we devote to fulfilment of our life's purpose? मानव उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम कितना समय दे रहे हैं?

 

How much time we devote to fulfilment of our life's purpose? मानव उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम कितना समय दे रहे हैं?

https://www.youtube.com/watch?v=ciqzNPdtJV8 

*अज्ञानता वश हम सुख किसे मानते हैं, दुख की कमी को, आध्यात्मिक आनंद की बात तो छोड़िये, आपने भौतिक सुख भी कभी महसूस नहीं किया, एक problem solve हुई तो 99 problems  सामने और खड़ी हैं* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=44 *दुख की कमी को सुख मत मानिये, बच्चे मत बनिए, बच्चों के पास 1000 का नोट हो और आप को वापस लेना हो तो आप बच्चे को चिल्लर (coins) दे देंगे और 1000 का नोट ले लेंगे, केवल चिल्लर से प्रसन्न मत होईये, आप आध्यात्मिक आनंद की खोज करना भूल बैठे हैं* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=144  *आप आनंद है और इसी को जानना ज्ञान का कार्य है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=187  *केवल सुविधा (convenience, comfort, luxury ) बढ़ने से सुख नहीं बड़ता* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=198  *सुविधा सुख इसलिए नहीं दे रही क्योंकि सुविधा मन और शरीर से जुड़ी हुई है मगर सुख आत्मा से जुड़ा है, शरीर के लिए आपको कोटि जतन (crores of efforts ) कर लो, संतुष्टि नहीं मिलेगी, मगर आत्मा तुरंत संतुष्ट हो सकती है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=265  *ये विचार धारा मेरी नहीं हैं, गीता की है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=318  *सुविधा होना खराब नहीं है मगर केवल सुविधा के लिए ही काम करना सबसे बड़ी मूर्खता है, इससे बड़ी मूर्खता कोई और है ही नहीं*  https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=339  *हम सभी केवल आनंद चाहते हैं,  और ये ज्ञान से प्राप्त होता है, जीवन (soul) का ज्ञान, शरीर के ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है*  https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=354 *इस आनंद की प्राप्ति को दूसरे दृष्टिकोण से देखते हैं, ये घड़ी (watch) जो बनी (i) किसी व्यक्ति ने बनाई (ii) वो व्यक्ति समझदार था (iii) उस व्यक्ति का कोई लक्ष्य/उद्देश्य (aim) था* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=399  *उदाहरण के लिए mobile, अज्ञानी कौन होगा,  जिसे mobile का लक्ष्य नहीं मालूम कि mobile किस लिए बना है, और इस मामले में अज्ञानी व्यक्ति दुखी ही होगा क्योंकि उसे mobile इस्तेमाल करना नहीं आता* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=522  *जैसे किसी बच्चे के हाथ में आपने mobile दे दिया, तो वो क्या करेगा, mobile से बात करने के अलावा सब कुछ करेगा* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=576  *अज्ञानी होना यानि मूर्ख होना कोई श्रेष्ठ बात नहीं है, simple व्यक्ति होना और मूर्ख व्यक्ति होना, दोनों में फर्क है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=607 *अब मैं आपसे प्रश्न करता हूँ कि सृष्टि, ये शरीर, 8400000 योनियां किसने बनाई हैं, और क्यों बनाई है ये कोई उससे बेहतर नहीं बता सकता, जिसने ये रचना की है*   https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=642  *आप क्या समझते हैं कि जीवन का उद्देश्य क्या है, सब अपना अपना अलग अलग उद्देश्य मान के बैठे हैं, सबको धन, सोंदर्य, शक्ति, यश चाहिए, क्यों चाहिए, आनंद के लिए, पर क्या आनंद ऐसे मिलेगा – नहीं (भगवान की भक्ति यानी भगवान से प्रेम किया जाए*) https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=689 


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मानव उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम कितना समय दे रहे हैं -DSC#010.mp4


Sunday, August 8, 2021

Rules of Shastras do not bind us but free us to attain bliss नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं

Rules of Shastras do not bind us but free us to attain bliss

नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं *हम सभी सत्य को ढूंढ रहे हैं, रिश्तों में, बाजार में हर जगह, क्योंकि सत्य से रिश्ता कभी टूट नहीं सकता और झूठ के पैर होते नहीं*   https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=43 *तीन प्रमाण (जिससे सत्य को ढूंढा जाता है) मुख्य हैं, पहला प्रमाण है प्रत्यक्ष प्रमाण: मगर प्रत्यक्ष प्रमाण में चार कमियां हैं, प्रत्यक्ष प्रमाण में पहली गड़बड़ 1. (a) हमारी इन्द्रियां अपूर्ण हैं, यदि आप मेरा चश्मा निकाल दो तो फिर मैं साफ नहीं देख पाऊंगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=73  (b) *प्रत्यक्ष प्रमाण में दूसरी त्रुटि : हम भ्रमित (in illusion) हैं, सोचते कुछ हैं होता कुछ और है, हम शरीर नहीं हैं आत्मा हैं, मगर हम अपने आप को शरीर मानते हैं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=128  (c) *प्रत्यक्ष प्रमाण में तीसरी त्रुटि: हम धोखा देते हैं और धोखा खाते हैं, हमें ये लगता है की इस भौतिक व्यक्ति या पदार्थ से हमें सुख मिलेगा, मगर सुख मिलता नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=156  (d ) *प्रत्यक्ष प्रमाण में चौथी त्रुटि: to err is human, गलतियाँ करना तो मनुष्य का स्वभाव है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=195  *तीन प्रमाणों में दूसरा है : अनुमान (guess, estimate) मगर अनुमान भी प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद ही लगा सकते हो और प्रत्यक्ष प्रमाण की चार कमियां आपने देखीं, इसलिए अनुमान भी टिका नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=228  *तीन प्रमाणों में तीसरा है: शब्द प्रमाण जो कि दो तरह का है 1. पुरुष द्वारा निकला हुआ शब्द “पोरूषय” 2. भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय”* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=245 *जो शब्द भगवान द्वारा आते हैं उनमें कोई कमी नहीं होती, वो पूर्ण हैं क्योंकि भगवान पूर्ण हैं, इसलिए यदि उनके शब्द मानेंगे तो जीवन सही हो जाएगा क्योंकि सही ज्ञान प्राप्त होगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=259  *science का भौतिक ज्ञान हर कुछ दिनों में या महीने में पुराना ज्ञान reject हो जाता है, i.e., change of theory happens (theory का मतलब ही है की अभी तक सिद्ध (proven) नहीं हुई), आजकल कितनी दवाइयाँ हैं, जो पहले तो अच्छी बताई जाती हैं, बाद में उनका दुष्परिणाम सामने आता है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=274  *इसलिए भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय” का ही हमें अनुसरण (follow) करना चाहिए, गीता भगवान द्वारा ही बोली गयी है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=345  *ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. अवरोहा पंथ 2. रोहा पंथ , अवरोहा पंथ : जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया और रोहा पंथ: किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=376  *इसलिए कहा गया है कि authority से ज्ञान ले लो, tension खत्म और भगवान से बड़ा कोई अधिकारी तो है नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=413  *आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तकों को हम शास्त्र कहते हैं, शास्त्र का संस्कृत मूल है शासन (to rule) और और शासन करने में सहायक हैं शस्त्र (weapons), इसी शब्द से बना क्षत्रिय, जो शासन करता है, और जो जीवन में सहायक है वो है शास्त्र*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=431  *शास्त्र में नियम होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=462  *नियम शब्द का प्रयोग होते ही लोग परेशान होते हैं कि अरे भाई नियमों का पालन करना पड़ेगा, मगर याद रहे की नियम बांधते नहीं, स्वतंत्र करते हैं और शास्त्र हमें बताते हैं  कि नियमों का पालन करते हुए हम स्वतंत्र हो जाएं और आनंद को प्राप्त कर लें* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=466  *नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं* *हम सभी सत्य को ढूंढ रहे हैं, रिश्तों में, बाजार में हर जगह, क्योंकि सत्य से रिश्ता कभी टूट नहीं सकता और झूठ के पैर होते नहीं*   https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=43 *तीन प्रमाण (जिससे सत्य को ढूंढा जाता है) मुख्य हैं, पहला प्रमाण है प्रत्यक्ष प्रमाण: मगर प्रत्यक्ष प्रमाण में चार कमियां हैं, प्रत्यक्ष प्रमाण में पहली गड़बड़ 1. (a) हमारी इन्द्रियां अपूर्ण हैं, यदि आप मेरा चश्मा निकाल दो तो फिर मैं साफ नहीं देख पाऊंगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=73  (b) *प्रत्यक्ष प्रमाण में दूसरी त्रुटि : हम भ्रमित (in illusion) हैं, सोचते कुछ हैं होता कुछ और है, हम शरीर नहीं हैं आत्मा हैं, मगर हम अपने आप को शरीर मानते हैं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=128  (c) *प्रत्यक्ष प्रमाण में तीसरी त्रुटि: हम धोखा देते हैं और धोखा खाते हैं, हमें ये लगता है की इस भौतिक व्यक्ति या पदार्थ से हमें सुख मिलेगा, मगर सुख मिलता नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=156  (d ) *प्रत्यक्ष प्रमाण में चौथी त्रुटि: to err is human, गलतियाँ करना तो मनुष्य का स्वभाव है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=195  *तीन प्रमाणों में दूसरा है : अनुमान (guess, estimate) मगर अनुमान भी प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद ही लगा सकते हो और प्रत्यक्ष प्रमाण की चार कमियां आपने देखीं, इसलिए अनुमान भी टिका नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=228  *तीन प्रमाणों में तीसरा है: शब्द प्रमाण जो कि दो तरह का है 1. पुरुष द्वारा निकला हुआ शब्द “पोरूषय” 2. भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय”* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=245 *जो शब्द भगवान द्वारा आते हैं उनमें कोई कमी नहीं होती, वो पूर्ण हैं क्योंकि भगवान पूर्ण हैं, इसलिए यदि उनके शब्द मानेंगे तो जीवन सही हो जाएगा क्योंकि सही ज्ञान प्राप्त होगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=259  *science का भौतिक ज्ञान हर कुछ दिनों में या महीने में पुराना ज्ञान reject हो जाता है, i.e., change of theory happens (theory का मतलब ही है की अभी तक सिद्ध (proven) नहीं हुई), आजकल कितनी दवाइयाँ हैं, जो पहले तो अच्छी बताई जाती हैं, बाद में उनका दुष्परिणाम सामने आता है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=274  *इसलिए भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय” का ही हमें अनुसरण (follow) करना चाहिए, गीता भगवान द्वारा ही बोली गयी है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=345  *ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. अवरोहा पंथ 2. रोहा पंथ , अवरोहा पंथ : जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया और रोहा पंथ: किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=376  *इसलिए कहा गया है कि authority से ज्ञान ले लो, tension खत्म और भगवान से बड़ा कोई अधिकारी तो है नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=413  *आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तकों को हम शास्त्र कहते हैं, शास्त्र का संस्कृत मूल है शासन (to rule) और और शासन करने में सहायक हैं शस्त्र (weapons), इसी शब्द से बना क्षत्रिय, जो शासन करता है, और जो जीवन में सहायक है वो है शास्त्र*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=431  *शास्त्र में नियम होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=462  *नियम शब्द का प्रयोग होते ही लोग परेशान होते हैं कि अरे भाई नियमों का पालन करना पड़ेगा, मगर याद रहे की नियम बांधते नहीं, स्वतंत्र करते हैं और शास्त्र हमें बताते हैं  कि नियमों का पालन करते हुए हम स्वतंत्र हो जाएं और आनंद को प्राप्त कर लें* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=466  ------------ sent to Mumbai Home 30-12-2023 Wisdom can be received comes in two ways 1. By own experience & 2. From others experience : ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. रोहा पंथ 2. अवरोहा पंथ  रोहा पंथ (learning by own experience): किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है*  और  अवरोहा पंथ (learning by others' experience): जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया (और जैसे पिताजी ने कहा की ज्यादा चीनी खाना सही नहीं है तो हमने मान लिया)  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=376 


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Saturday, August 7, 2021

7 types of miseries, none can avoid in this material world 7 प्रकार के दुःख जिनसे कोई नहीं बच सकता

 

7 types of miseries, none can avoid in this material world

7 प्रकार के दुःख जिनसे कोई नहीं बच सकता https://www.youtube.com/watch?v=p0X422Gc6gI&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=9

 गरुड़ पुराण”, ये मरने के बाद वालों के लिए नहीं, जीवित लोगों के लिए है, “राम नाम सत्य है” ये मुर्दे के लिए नहीं, आपके लिए बोला जा रहा है

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=45

 

लड़की की डोली उठते हुए कह दो “राम नाम सत्य है” गोली मार देंगे आपको, मरने के समय राम सत्य हैं, मगर शादी के समय क्या राम सत्य नहीं हैं ? 

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=97     

 

मृत्यु के समय ऐसी पीड़ा होती है की जैसे 40,000 बिच्छु एक साथ डंक मार रहे हों

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=120

 

मगर सिर्फ भक्त को छोड़कर यानी भक्त को ये पीड़ा सहन नहीं करनी पड़ती, क्योंकि भक्त को अपने शरीर से आसक्ती (attachment) नहीं होती केवल भगवान से होती है, जितनी अधिक आसक्ति शरीर में होगी यानि “मैं और मेरा” से होगी, उतनी ज्यादा पीड़ा होगी मृत्यु के समय

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=136

 

मरने के बाद एक दूसरा शरीर (subtle body) आपको दिया जाता है जो बिल्कुल हूबहू आपके जीवित शरीर से मिलता है मगर ये शरीर मरता नहीं, क्योंकि नरक की यातनाएं (tortures) तभी आप महसूस कर पाएंगे जब आपके पास शरीर होगा

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=220

 

ये सब सही बताया जा रहा है आपको, अकलमंद व्यक्ति वही है जो दूसरों की गलती से सीखे, खुद गलती ना करे

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=314

 

बुढ़ापे (जरा) की तकलीफें आप सब को मालूम ही हैं

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=326

 

व्याधि (problems): आदि भौतिक, आध्यात्मिक (बीमारी, headache , tension, depression etc.) और आदि दैविक (बहुत गर्मी, बहुत सर्दी, बहुत बरसात या बिलकुल बरसात नहीं, भूचाल, Tsunami  etc.)

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=337

 

Tension और दुख में अंतर है, पूरा वर्णन सुनिए 

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=400

 

आदि भौतिक (दूसरे जीवों द्वारा, competitor ,enemy, virus bacteria - ये भी जीव हैं)

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=517

 

1.           जन्म 2. मृत्यु 3. जरा (old age) 4. व्याधि (problems) 5. आदि भौतिक 6. आध्यात्मिक 7. आदि दैविक – तो दुख सात प्रकार के होते हैं

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=551

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7 प्रकार के दुःख जिनसे कोई नहीं बच सकता -DSC#009.mp4